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निश्छल प्रेम जो होता है
निश्छल प्रेम जो होता है, संग उमंग भी लाता है। न हो कोई स्वार्थ जहाँ, मन मधुर सुर गाता है। निर्मल जल सा बहता है, हर दुख को वो सहता है। न...

Shreyas Khopkar
Mar 22


जीवन बहती धारा
जीवन बहती धारा जैसी, रुक न सके, थमे न कहीं, कभी लगे ये शांत सरिता, कभी उठे लहरों में वहीं। धूप-छाँव के खेल निराले, सुख-दुख का संग चलता,...

Shreyas Khopkar
Mar 22


Dashavtaar
ब्रह्मदेव पृथ्वी के निर्माता और भगवान शिव पृथ्वी के संहारक के साथ-साथ, भगवान विष्णु हिंदू धर्म में तीन मुख्य पुरुष देवताओं में से एक हैं...

Shreyas Khopkar
Oct 2, 2020


वही मित्र है
जीवन रथ मझधार पडा हो , फिर भी संग में कोई खड़ा हो, डोर नही हो उससे कोई, फिर भी डोर को बांध चला हो, समझना तुम कि ‘वही मित्र है’ जीत हार का...

Shreyas Khopkar
Feb 14, 2019


रात हो गयी है
रात हो गयी है उन अपनों का इंतजार करते करते जो कभी अपने हुआ करते थे उनकी आहट अब आशाएं हैं उनकी चहक अब सपने हैं उनका दीदार अब मुश्किल है...

Shreyas Khopkar
Jan 10, 2019


मैं अभी जिंदा हूँ
हर दिल कुछ गाता है कभी आधी रात में कभी सुहाने दिन में कुछ लिखने की हिम्मत करते हैं कुछ खून के आसूं रोते हैं मैं नही जानता मै क्या हूं मैं...

Shreyas Khopkar
Dec 26, 2018


दुर्भाग्य
अटल सा खड़ा हुआ, सुस्त सा पड़ा हुआ, संसार की झोंकी धूल आँखों में लिए, अपने लबों को सिये, चीखता-चिल्लाता कराहता हुआ, कैसा है ये अंधकार का...

Shreyas Khopkar
Dec 20, 2018


मेरी मौत
आज मैंने सपने में अपनी मौत का वो आलम देखा उस सफेद कफन में लिपटा पड़ा अपना ही बदन देखा बस जलने ही वाला था अगली कुछ घड़ियों में भीड़ थी मौजूद...

Shreyas Khopkar
Dec 13, 2018


क्या अब भी घर का रास्ता देखते हो ?
ऑफिस को जाते हुए या वापस घर को आते हुए, अकेले काम करना हो या फिर आराम करना हो, तुम हर निगाहों को अकेले ही देखते हो, खाना खाने भी अकेले ही...

Shreyas Khopkar
Nov 3, 2018

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