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क्या अब भी घर का रास्ता देखते हो ?

  • Writer: Shreyas Khopkar
    Shreyas Khopkar
  • Nov 3, 2018
  • 1 min read

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ऑफिस को जाते हुए या वापस घर को आते हुए,

अकेले काम करना हो या फिर आराम करना हो,

तुम हर निगाहों को अकेले ही देखते हो,

खाना खाने भी अकेले ही बैठते हो,

क्या अब भी घर का रास्ता देखते हो ?

गहरे कहीं किसी सोच में तुम गुम हो जाते हो,

कपड़े नए पहनकर खुद को ही पहले दिखलाते हो,

क्या किया क्या ना किया उसका हिसाब भी खुद को ही बताते हो,

ये क्यों है और क्या है ऐसा सोचते रहते हो,

क्या अब भी घर का रास्ता देखते हो ?

अकेले बैठ पुराने दिन याद करते हो,

घरवालों को या दोस्तों को फिर कॉल करते हो,

अपने घर के स्वादिष्ट ज़ायकों को महसूस करते हो,

लेकिन फिर रियलिटी में आकर मैगी से ही मन भरते हो,

कई बार समझदारों की तरह सोचते हो,

और कोम्प्रोमाईज़ को जीवन का हिस्सा मान लेते हो,

लेकिन,

क्या अब भी घर का रास्ता देखते हो ?

हाँ अब भी घर का रास्ता देखते हो

हाँ अब भी घर का रास्ता देखते हो.....

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